राज़ - प्रेम के रहस्य
राज़

राज


दिल जला कर पूछते हो राज ए अगन क्या हें
जिन्दादिली से जीने का तिलिस्म क्या हें
जख्म नासूर हुए फिर मुस्कुराने का राज़ क्या हें
जख्म दिए तुमने और पूछते हो मर्ज ए दवा क्या हें
भुला दिया जस्बात को उस्लो के आगे और
पूछते हो तन्हयियो में जीने का राज क्या हें
बदलते हो रंग हजार बार बार और पूछते हो
तुम से नाउम्मीद होने का राज क्या हें
मुश्किल राहों पर साथ नहीं थे तुम और
पूछते हो अकेले चलने का राज क्या हें

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