काला जादू, प्रेत बाधा, पितृ बाधा का मानसिक रोगों से सम्बन्ध, लक्षण और उपाय

काला जादू, प्रेत बाधा, पितृ बाधा का मानसिक रोगों से सम्बन्ध, लक्षण और उपाय


जैसा कि हम जानते है, आज के दौर में हेल्थ ओर रोज़गार की समस्या बहुत अधिक है । योग्यता होते हुए भी पैसे की दिकत हमेशा रहती हैं । इस समस्या के बहुत से कारण होते जैसे की कुंडली दोष, प्रेतबाधा, पितृ बाधा और काला जादू या किसी ऊपरी बाधा का होना, व्यक्ति समझ नही पाता, ओर व्यक्ति इसका समाधान वैज्ञानिक और भौतिक चीजों में ढूंढता है, विज्ञान भी अपनी जगह सही है | लेकिन विज्ञान भी ज्योतिष में से जन्मा हैं । कुछ लोग ज्योतिष विधियां को मानते है और कुछ नही, उनकी यहाँ बात भी अपनी जगह सही है |  कियोंकि उन को उपाय से लाभ नही होता । कई बार सही समस्या का पता नहीं होने से, ओर अज्ञानियों व्यक्तियों के कारण या फिर व्यक्ति द्वारा उपाय ठीक से नही करने के कारण ऐसी स्थिति जन्म लेती हैं । काले जादू के लक्षण और उपाय  
अब बात करते हैं उपाय की सब से पहले ये जान ले कि कुंडली दोष, पितृ दोष, पूर्व जन्म कर्म के अनुसार उत्पन्न होते और प्रेतबाधा पूर्व जन्म और किसी गलत स्थान या बुरी आत्मा के संपर्क में आने से उत्पन्न होते हैं | और वास्तु दोष जो पूरे विश्व की बड़ी समस्या है,जो की हमारी गलती ओर लालच से उत्पन्न होते है | ओर काला जादू हमारा अहित करने वाले व्यक्ति द्वारा अलग अलग तंत्र विधियां के माध्यम से किये जाते । वैसे तो इन समस्याओं के कारण व्यक्ति कोई कई तरह की परेशानी होती है, लेकिन ये समस्या सबसे पहले हमारे मष्तिष्क ओर पेट पर असर करती है । उसके बाद हमारी इनकम के सोर्स ओर फिर हमारे संबधो पर हमला करती हैं । लेकिन ये सत्य हैं कि सबसे पहले ये हमारे मन मष्तिष्क पर असर करती हें, इसी कारण से सभी मनोरोग, फोबिया, ब्रेनट्यूमर मिर्गी पागलपन आदि समस्या उत्पन्न होती | यदि हम लक्षणो को पहचान कर इसी स्तर पर इन को रोक दे तो हम अर्थिक ओर मानसिक नुकसान से बच सकते । देखिये ज्योतिष का सम्बंद हमारी आत्मा से है, और वही मेडिकल साइंस का संबंध हमारे भौतिक शरीर से हें | इन सभी समस्यों के उपाय बहुत सरल साधारण ओर उपयोगी है | जिनको करने के बाद आप स्वयं राहत महसूस करेंगे | काले जादू का मानसिक रोगों से सम्बन्ध
 
काले जादू के लक्षण, ऐसे व्यक्ति को अनिंद्रा, आरुचि, गुस्सा, पसीना बहुत आना, भुख में अनियमितता चेहरे के ऊपरी भाग का काला पड़ना आदि लक्षण होते हैं । ऐसे व्यक्ति को तुरंत मांसाहार ओर शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए । उपाय के तौर पर
 
1 हमेशा अपने नाखून, बाल, दाड़ी बना कर रखनी चाहिए रात में 10 बजे के बाद नही जागना चाहिए |
 
2 हमेशा ताजा भोजन 10 बजे के पहले करे सुबह 9 बजे तक सूर्य को जल दे, पोधो में पानी दे, अधिक से अधिक समय सूर्य के प्रकाश में बिताए 
 
3  हमेशा साफ कपड़े पहने, दक्षिण और पूर्व दिशा में ही सिर कर के सोए, किसी भी निर्जन स्थान ओर पीपल बरगद ओर जल के स्थान पर ना जाये, शाम को और देहलीज या दो समांतर दरवाजों के बीच सर करके न सोए |  
 
4 जिस बाल्टी से आप स्नान करते है उसको किसी अन्य उपयोग में ना लाये, जल में गोमूत्र, समुदी, काला नामक मिलाकर स्नान करें, सफ़ेद वस्त्र का ज्यादा उपयोग करे |
 
5 दूर्वा में गोमूत्र मिलाकर पर्स में रखे गोमूत्र को अपने शरीर पर छिड़के ओर गोमूत्र का सेवन भी करे राहु की माह दशा में इन उपायों को ज्यादा प्रभावि ढंग से करे | मानसिक रोगों का राहू की महादशा से सम्बन्ध

 
6 चाय काफी और मीठे पदार्थ का सेवन तुरंत बंद कर दे, साथ ही शरीर पर इत्र और अन्य खुशबूदार वस्तु को अपने शरीर पर न लगाये | साथ ही अपने घर के मुख्य दरवाजे पर बेडरूम में और बाथरुम में काले कपडे में फिटकरी बांध कर रखे, और एक माह बाद बदल दे |  

7 चांदी का कड़ा और छल्ला धारण करे सोमवार को चन्द्रमा के होरा में, हमेशा शिवाजी की आराधना करे |
 
इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें ये सभी उपाय उपयोगी है और कई बार आजमाए जा चुके हैं | ये सभी उपाय सनातन संस्कृति का हिस्सा थे। इसलिये पहले के लोग ज्यादा स्वस्थ जीवन जीते थे, कम साधनों में भी |  कभी भी डरे नहीं और अपने मनोबल को कम न करे | एक सामान्य निष्कर्ष के तोर पर हम यह कहा सकते हे की प्रेतबाधा और पितृदोष वास्तु दोष राहू महादशा और उपरी बाधा के लक्षण लगभग सामान होते हे | जो आगे चलकर मनोरोग अवसाद और फोबिया हिस्टेरिया आदि मानसिक बीमारी का कारण बनते हे | यदि हम इलाज के साथ इन नियमो का पालन करते हे तो हम जल्दी ठीक हो सकते हें, और भविष्य के लिए भी सुरक्षित हो सकते हे |

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