जीएसटी का उद्देश्य ||  जीएसटी के लाभ और हानि ||  जीएसटी पर निबंध

जीएसटी का उद्देश्य || जीएसटी के लाभ और हानि || जीएसटी पर निबंध


G.S.T. में समान कर प्रणाली होने से व्यापार में भी आसानी होगी, व्यापारिक पंजीकरण और रिटर्न दाखिल करने में भी आसानी होगी | कागजी कार्यवाही में भी कमी आयेगी, जिससे कम मानवीय श्रम लगेगा | जिससे विभागीय और व्यापारिक खर्च भी कम लगेगा, और समय और धन दोनों की बचत होगी | कई प्रकार के कर होने के कारण अभी तक 35% कर लगता था, और 1% विभागीय खर्च, २% क़ानूनी खर्च और कई कर एसे थे जो दुसरे कर से एडजस्ट नहीं होते थे, या उन में इनपुट क्रेडिट का प्रावधान नहीं होने से, तथा क़ानूनी दस्तावेज के अभाव में वस्तुओ पर दुगना तिगुना कर लग जाता था | इन कर सम्बन्धी कमियों को दूर करने के लिए जी.एस.टी. को लागु किया गया हें |

अंतर राज्यीय विक्रय पर गलती से ज्यादा कर लग जाने पर उसके रिफंड की क़ानूनी कार्यवाही करनी पड़ती थी, और उसका का खर्च अलग से वहन करना पड़ता था | और कई मामलो में कार्यवाही लम्बी चलने से पहले विभागीय कार्यवाही, फिर ट्रिब्यूनल, फिर कोर्ट, तक अपील करना पड़ती थी जिससे कई सालो तक केस चलता रहने से कार्यशील पूंजी रुक जाती थी | और सालो का क़ानूनी खर्च अलग से, जिससे व्यवसाय को भरी नुकसान होता था | जिससे व्यापर या तो बंद हो जाते थे, या इन सब व्ययो और जटिलता के कारण वस्तु की लगत में 55 % तक की वृधि हो जाती थी | जिसका सीधा और अंतिम भार उपभोक्ता पर पडता था | जटिल क़ानूनी प्रक्रिया होने के कारण न विदेशी निवेश आता था, और न नये उधोग शुरू हो पते थे | इस कारण राष्ट्र की प्रगति को भी नुकसान पहुचता हें तथा नोकरीयो का आभाव, और महगाई जेसी समस्या का सामना करना पड़ता था | जी.एस.टी. में समान कर प्रणाली और अधिकतम कर की दर 28% होने से इन सब समस्या में सुधार होगा | इन सब समस्याओ के समाधान के लिए जी.एस.टी और लागु किया गया हे | 30 जून 2017 रात 12 बजे से  पुरे भारत वर्ष में लागु किया गया था | तब से लेकर जुलाई 2019 तक सरकार के राजस्व में काफी बढोतरी हुई हे | जी.एस.टी. जब लागु हुआ था उसके बाद से पहले माह का सरकारी राजस्व 30000 हजार करोड़ से बढकर 43000 हजार   करोड़ था, और वर्तमान में जुलाई 2019 तक सरकार का मासिक राजस्व 100000 लाख करोड़ तक पहुच गया हें |

  G.S.T. लागु होने से कर चोरी में कमी आयी हें, तथा कारोबारी को अलग अलग करो के पंजीयन से मुक्ति मिली हें, और आम जनता को मंहगाई से राहत देने के लिए समय समय पर जी.एस.टी. के प्रावधान में बदलाव कर देनिक उपयोग की आवशकता वस्तुओ को 5% और 12% की सीमा में रखा गया हे | तथा खाद्य पदार्थ और जीवन रक्षाक दवाओ को कर मुक्त रखा गया हे | अभी पुरे भारत में केवल 80 लाख लोग टैक्स भरते हें, जी.एस.टी. के माध्यम से सरकार का उदेश्य कर का दायरा बढ़ना हें, नाकि कर की दर को | यदि ज्यादा लोग टैक्स भरेगे तो कर की दर कम होगी और राजस्व का भी नुकसान नहीं होगा इसलिए जी.एस.टी. सभी के लिए लाभप्रद और सबसे बड़ा कर सुधार हे | साथ ही सरकार इसमें समय समय पर बदलाव कर जी.एस.टी. की कमियों को दूर कर इसे सफल अप्रत्यक्ष कर प्रणाली बनाने में प्रयासरत हें | ताकि जी.एस.टी. अपने उदेश्यों को प्राप्त करने में सफल हो | 

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